Tata Power का ट्रॉम्बे यूनिट 5, जो मुंबई की बिजली आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, एक बार फिर से ऑपरेशनल हो चुका है! यह वही 500 मेगावाट का यूनिट है जो सितंबर 2024 में एक आग की घटना के कारण बंद हो गया था। लेकिन सिर्फ 4 महीनों में टाटा पावर ने इसे रिकॉर्ड समय में फिर से चालू कर दिया। आइए इस पूरी प्रक्रिया को विस्तार से समझते हैं।

घटना के बाद अब पुनर्स्थापना
सितंबर 2024 में ट्रॉम्बे यूनिट 5 के केबल वॉल्ट में आग लग गई थी। टाटा पावर की तेज़ रिस्पांस टीम और अग्नि सुरक्षा अधिकारियों ने इस आग को तुरंत नियंत्रित कर लिया, जिससे मुंबई की बिजली आपूर्ति पर न्यूनतम प्रभाव पड़ा। घटना के तुरंत बाद, कंपनी ने पुनर्स्थापना योजना शुरू कर दी और मात्र 4 महीनों में यूनिट को फिर से चालू कर दिया। यह Tata Power की कुशलता और कार्यान्वयन क्षमता का एक बड़ा उदाहरण है।
ट्रॉम्बे पावर प्लांट का महत्व
मुंबई के ऊर्जा ढांचे की रीढ़ माने जाने वाला ट्रॉम्बे पावर प्लांट 1956 से कार्यरत है। यह मुंबई का पहला थर्मल पावर स्टेशन था जो समय के साथ विस्तारित होता गया। आज, यहां 8 यूनिट्स का एक मजबूत नेटवर्क है, जो शहर को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करता है।
यूनिट 5 का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह भारत का पहला 500 मेगावाट मल्टी-फ्यूल जनरेटिंग यूनिट था, जो उस समय एक बड़ी इंजीनियरिंग उपलब्धि थी। वर्तमान में, ट्रॉम्बे प्लांट की कुल स्थापित क्षमता 930 मेगावाट है, जो मुंबई के आवासीय और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए एक लाइफलाइन के रूप में कार्य करता है।
टाटा पावर: क्लीन एनर्जी लीडर
टाटा पावर केवल एक पावर जनरेशन कंपनी ही नहीं, बल्कि भारत के क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन का एक अग्रणी खिलाड़ी भी है। इसका 14,707 मेगावाट का विविध पोर्टफोलियो अक्षय और पारंपरिक ऊर्जा दोनों को कवर करता है। कंपनी ट्रांसमिशन, वितरण, ईवी चार्जिंग, सौर सेल और मॉड्यूल निर्माण, और ऊर्जा भंडारण जैसे भविष्य के क्षेत्रों में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है। टाटा पावर का लक्ष्य 2045 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी हासिल करना है, जो इसकी दीर्घकालिक रणनीति को दर्शाता है।
टाटा पावर के वित्तीय प्रदर्शन
कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन को देखें तो इसके आंकड़े भी प्रभावशाली हैं।
अवधि | नेट सेल्स वृद्धि | नेट प्रॉफिट वृद्धि |
---|---|---|
Q3FY25 बनाम Q3FY24 | 5% | 23% |
9MFY25 बनाम 9MFY24 | 6% | 15% |
FY24 बनाम FY23 | 12% | 408% |
सिर्फ पिछले 1 साल में ही कंपनी का नेट प्रॉफिट 4 गुना से अधिक बढ़ा है, और दिसंबर 2024 तक कंपनी का ऑर्डर बुक ₹13,556 करोड़ तक पहुंच चुका है, जो भविष्य की राजस्व वृद्धि के मजबूत संकेतक हैं।
निष्कर्ष
Tata Power का ट्रॉम्बे यूनिट 5 का तेजी से पुनर्स्थापना होना कंपनी की संचालन क्षमता और समर्पण को दर्शाता है। इसके मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यह स्पष्ट है कि टाटा पावर भारतीय बिजली क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
Disclaimer: ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न कि "Dhan Yogi" की। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श करें। निवेश में जोखिम होता है और सही जानकारी के बिना निर्णय लेना हानिकारक हो सकता है।